स्वच्छ परिवर्तनों का साक्षी पीथमपुर
मध्य प्रदेश की औद्योगिक नगरी पीथमपुर स्वच्छता की ओर निरंतर अग्रसर
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के चुनावी नतीजों में जहां बीजेपी तीन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है, वहीं तेलंगाना में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है.इन चुनावों में जहां कांग्रेस ने अपनी पूरी तातक झोंक दी थी, वहीं बीजेपी ने भी एड़ीचोटी का ज़ोर लगा दिया था. बीजेपी ने कई सिटिंग सांसदों तक को इन विधानसभा चुनावों में उतार दिया था. एक नज़र उन दिग्गज नेताओं पर डालते हैं जिन्हें जीत
मध्य प्रदेश
प्रदेश की बुधनी सीट पर मौजूदा मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के विक्रम मस्ताल शर्मा को एक लाख 49 हज़ार से अधिक वोटों के अंतर से हराया. साल 2006 से इस सीट पर शिवराज सिंह चौहान जीतते रहे हैं.
दतिया से बीजेपी के नरोत्तम मिश्रा (जो प्रदेश के गृहमंत्री हैं) को कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र भारती ने कड़ी टक्कर दी है. मिश्रा क़रीब 7700 से अधिक वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी से हार गए हैं.
निवास से बाजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते को क़रीब 9,700 वोटों से कांग्रेस के चैनसिंह वरकड़े ने हरा दिया है. फग्गन सिंह केंद्रीय मंत्री हैं.
नरोततम मिश्रा
छिंदवाड़ा, जिसे कांग्रेस नेता कमल नाथ की सीट माना जाता है, वहां से उन्हें जीत मिल गई है. उन्होंने क़रीब 35 हज़ार वोटों से बीजेपी के विवेक बंटी साहू को हरा दिया है.
प्रह्लाद सिंह पटेल दमोह सीट से लोकसभा सांसद हैं और मौजूदा केंद्र सरकार में जल शक्ति राज्य मंत्री है. विधानसभा चुनावों में वो नरसिंहपुर सीट से उतरे थे. इस सीट पर उन्होंने कांग्रेस के लखन सिंह पटेल को क़रीब 31,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है.
मुरैना की दिमानी सीट में 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर ने जीत हासिल की थी. इस बार इस सीट पर बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर बहुजन समाज पार्टी के बलवीर सिंह डंडोतिया से 24 हज़ार से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह चांचौड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी थे. बीजेपी की प्रियंका पेंची ने उन्हें क़रीब 57 हज़ार मतों से पछाड़ दिया है.
वहीं राघोगढ़ से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने अपने विरोधी बीजेपी के हरेंद्र सिंह बंटी पीलाघाटा को बेहद क़रीबी 4,505 वोटों से अंतर से हराया.
राजस्थान
तिजारा सीट से बीजेपी के महंत बालक नाथ को जीत मिली है, हालांकि मतों का अंतर बेहद कम रहा है. उन्होंने कांग्रेस के इमरान ख़ान को 6173 वोटों से हराया. वो सांसद हैं और विधायकी के चुनाव में उतरे हैं. चुनाव प्रचार में उन्होंने तिजारा में चुनाव को भारत-पाकिस्तान मैच करार दिया था.
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रही बीजेपी की वसुंधरा राजे ने अपनी पारंपरिक झालरापाटन सीट से जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल को 53 हज़ार से अधिक वोटों से मात दी. 2003 से इस सीट पर वसुंधरा राजे का कब्ज़ा रहा है.
विद्याधर नगर सीट से बीजेपी की दीया कुमारी ने जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस से प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को 71 हज़ार से अधिक मतों के अंतर से हराया.
तारानगर से बीजेपी के राजेन्द्र राठौर को कांग्रेस के नरेंद्र बेदुनिया ने हरा दिया है. देनों के बीच मतों का अंतर क़रीब 10 हज़ार रहा.
सरदारपुरा सीट पर एक बार फिर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी के प्रोफ़ेसर महेन्द्र राठौर को लगभग 26 हज़ार वोटों से अंतर से मात दी. वो इस सीट से 1998 से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं.
कांग्रेस से युवा नेता सचिन पायलट का गढ़ माने जाने वाले टोंक से एक बार फिर उन्हें जीत मिली है. इस सीट पर उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार अजीत सिंह मेहता को क़रीब 29 हज़ार मतों के अंतर से हरा दिया है.
नागौर से सांसद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने इन चुनावों में अपनी किस्मत आज़माई थी. किसान आंदोलन से पहले तक नडीए से सदस्य रहे बेनीवाल ने खींवसर सीट से बीजेपी के नेता रेवन्त राम डांगा को 2 हज़ार से अधिक मतों से हराया है.
छत्तीसगढ़
प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने पाटन की अपनी सीट जीत ली है. उन्होंने अपने प्रतिद्विंदी बीजेपी के विजय बघेल को 19,700 से अधिक मतों के अंतर से मात दी.
वहीं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के टीएस सिंहदेव ने अंबिकापुर सीट से बीजेपी के राजेश अग्रवाल से लगभग 7 हज़ार वोटों से हार गए हैं.
बीजेपी के मुख्यमंत्री रह चुके डॉक्टर रमन सिंह राजनंदगांव सीट से चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने 45 हज़ार से अधिक वोटों से कांग्रेस के गिरीश देवांगन को हराया.
दंतेवाड़ा सीट पर कांग्रेस के छवीन्द्र कर्मा को बीजेपी के चैतराम अटामी ने 16,800 से अधिक वोटों से हरा दिया है. चैतराम पहली बार विधायकी के चुनाव में उतरे हैं.
यहां की चित्रकूट सीट पर कांग्रेस के दीपक कुमार बैज क़रीब 8 हज़ार वोटों से अंतर से बीजेपी प्रत्याशी विनायक गोयल से हार गए हैं.
यहां की कांकेर सीट पर मतों का अंतर बेहद कम रहा. केवल 16 मतों के अंतर से बीजेपी के आशा राम नेताम ने कांग्रेस के शंकर ध्रुवा को हराया है.
प्रदेश की कवर्धा सीट से बीजेपी के विजय शर्मा ने जीत हासिल की है. उन्होंने 39 हज़ार वोटों के अंतर से कांग्रेस के अकबर भाई को हरा दिया है.
तेलंगाना
तेलंगाना में प्रदेश मे मौजूदा मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रमुख के. चंद्रशेखर राव कामारेड्डी सीट से चुनाव हार गए हैं. इस सीट पर बीजेपी के के. वेंकट रमन रेड्डी ने उन्हें 6,700 से अधिक मतों के अंतर से हराया. इस सीट पर कांग्रेस के ए. रेवंत रेड्डी तीसरे नंबर पर रहे हैं.
वहीं गजवेल सीट से के. चंद्रशेखर राव अभी 45 मतों के अंतर से बीजेपी के इताला राजेन्द्र से आगे चल रहे हैं.
ए. रेवंत रेड्डी कोडंगल सीट से भी उम्मीदवार थे. कांग्रेस के रेवंत रेड्डी ने क़रीब एक लाख मतों के अंतर से 32,500 वोटों से बीआरएस के पी नरेंद्र रेड्डी हो हरा दिया है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी चंद्रयानगुट्टा से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से वो बीआरएस के मुप्पी सीतामान रेड्डी से 81 हज़ार से अभी अधिक वोटों से जीत गए हैं.
जानेमाने क्रिकेटर मोहम्मद अज़रूद्दीन हैदराबाद की जुबली हिल्स सीट से कांग्रेस के टिकट पर उतरे थे. उन्हें बीआरएस के मगंती गोपीनाथ ले लगभग 16 हज़ार वोटों के अंतर से हरा दिया है.
करीमनगर सीट पर बीजेपी के बांदी संजय कुमार को बीआरएस के गंगुला कमलाकर ने बेहद क़रीबी 3,163 वोटों से हराया.
यहां की सिरसिला सीट पर कांग्रेस के के.के. महेन्द्र रेड्डी को बीआरएस के केटीआर (के. तारक रामा राव) ने 29 हज़ार से भी अधिक मतों के अंतर से हरा दिया है.
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