मुंबई में ब्रिज का नामकरण , रखा 'सिंदूर ब्रिज' नाम
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
प्रधानमंत्री आदमपुर वायु सेना स्टेशन पर बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिले
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पीएम मोदी ने सेना के जवानों से मुलाकात की है। आदमपुर एयरबेस पर पीएम मोदी पहुंचे और यहां उन्होंने जवानों से मुलाकात की। इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार की रात आठ बजे देश को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने जवानों के शौर्य और साहस को सलाम किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सेना ने अपना लक्ष्य हासिल किया है। हमने अपनी सेना को आतंकियों को मिटाने के लिए पूरी छूट दे रखी है। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;
"आज सुबह, मैं एएफएस आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक उन लोगों के साथ समय बिताना बहुत ही विशेष अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा, जो हमारे देश के लिए सब कुछ करते हैं।"
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देश को संबोधित करते प्रधानमंत्री मोदी का भाषण बिल्कुल स्पष्ट था। पीएम मोदी ने साफ संदेश दिया कि पाकिस्तान अगर अपने यहां आतंकियों को पनाह देना बंद नहीं करता है तो उसे इसका और अधिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते, टेरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते और पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता। पीएम मोदी ने कहा- 'हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, PoK पर ही होगी।'
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
कांग्रेस से संबद्ध पांच प्रधानमंत्रियों ने करीब सात दशक में कुल 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी ने इस आंकड़े की बराबरी कर ली है।
आपको याद होगा कुछ समय पहले इजरायल में संकट हुआ था तो भारत ने अपने लोगों को वहां काम करने के लिए भेजा था. अब एक और दोस्त देश भारतीयों को बुला रहा है. वहां के लोग या तो यूक्रेन से जंग लड़ रहे हैं या फिर ऐसे काम करना नहीं चाहते हैं. इसी साल अगर आप रूस जाकर काम करने की इच्छा रखते हैं तो ऐसे 10 लाख लोगों की भर्ती होने वाली है.