मुंबई में ब्रिज का नामकरण , रखा 'सिंदूर ब्रिज' नाम
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
मध्य प्रदेश में चुनावी नतीजों के आठ दिन बाद बीजेपी ने मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया है. मोहन यादव मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे.
नई दिल्ली : मोहन यादव (Mohan Yadav) को मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री (Madhya Pradesh New CM) के रूप में चुना गया है. मोहन यादव निवर्तमान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं. इस बार भी उज्जैन दक्षिण सीट से निर्वाचित हुए हैं. भाजपा विधायक दल की आज हुई बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी. उन्हें आरएसएस की भी पसंद माना जाता है. उज्जैन जिले से तीन बार के विधायक 58 साल के यादव की नियुक्ति को व्यापक रूप से उनके पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान के लिए राजनीतिक राह (कम से कम राज्य में) के अंत के रूप में देखा जा रहा है.
मोहन यादव का राजनीतिक सफर छात्रसंघ सचिव के रूप में शुरू हुआ. इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और बाद में एबीवीपी के प्रदेश मंत्री भी रहे. इसके बाद 2013 में मोहन यादव पहली बार विधायक बने. इसके बाद 2018 के मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में उन्हें फिर से चुना गया.
पूरे 42 करोड़ की दौलत के मालिक हैं मोहन यादव,
संपत्ति के मामले में मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के ज्यादातर विधायकों को पीछे छोड़ रखा है। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। आश्रित सदस्यों के पास कुल 42 करोड़ रुपए से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति है। चौंकाने वाली बात यह है कि 10 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का इजाफा बीते पांच साल में हुआ है।
शिवराज सरकार में रहे हैं मंत्री
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में यादव का प्रभाव तब और मजबूत हुआ, जब उन्होंने 2 जुलाई, 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.
25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे मोहन यादव कई सालों से बीजेपी से जुड़े हुए हैं. हाल के 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मोहन यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव के खिलाफ 12,941 वोटों के अंतर से जीत हासिल करते हुए उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने हैं.
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
कांग्रेस से संबद्ध पांच प्रधानमंत्रियों ने करीब सात दशक में कुल 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी ने इस आंकड़े की बराबरी कर ली है।
आपको याद होगा कुछ समय पहले इजरायल में संकट हुआ था तो भारत ने अपने लोगों को वहां काम करने के लिए भेजा था. अब एक और दोस्त देश भारतीयों को बुला रहा है. वहां के लोग या तो यूक्रेन से जंग लड़ रहे हैं या फिर ऐसे काम करना नहीं चाहते हैं. इसी साल अगर आप रूस जाकर काम करने की इच्छा रखते हैं तो ऐसे 10 लाख लोगों की भर्ती होने वाली है.