मुंबई में ब्रिज का नामकरण , रखा 'सिंदूर ब्रिज' नाम
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
प्रकाश आंबेडकर ने दावा किया है कि NCP (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना(UBT) के नेताओं ने लोकसभा चुनावों के बाद BJP और RSS के साथ नहीं जाने को लेकर लिखित आश्वासन देने से इनकार कर दिया है।
मुंबई: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के घटक दलों के बीच टिकटों के बंटवारे ने एक दिलचस्प मोड़ ले लिया है। वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने दावा किया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना(UBT) के नेताओं ने यह आश्वासन लिखित में देने से इनकार कर दिया है कि लोकसभा चुनावों के बाद वे BJP और RSS के साथ नहीं जाएंगे। प्रकाश आंबेडकर के इस दावे से महाराष्ट्र के सियासी हलकों में हलचल मच गई है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड को लिखे पत्र में प्रकाश आंबेडकर ने चौंकाने वाले दावे किए हैं। उन्होंने लिखा है कि सीट शेयरिंग पर MVA की बैठक में जब हमारे प्रतिनिधियों ने कहा कि 'हमें मतदाताओं को यह भरोसा दिलाना होगा कि चुनाव के बाद हम BJP या RSS के साथ नहीं जाएंगे', तब आपके सभी नेता खामोश बैठे रहे। वंचित बहुचन अघाड़ी के नेता ने पत्र में लिखा, ‘उन्होंने एक तरह से इस प्रस्ताव का मौन विरोध किया।’
आव्हाड को लिखे पत्र में आंबेडकर ने कहा, ‘सिर्फ अपने ही कहा था कि ये बात लिखित में देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए लेकिन उस बैठक में मौजूद संजय राउत ने लिखित आश्वासन देने से साफ-साफ इनकार कर दिया। पहले भी एक बार आपकी पार्टी BJP के साथ समझौता कर चुकी है, इसीलिए MVA से गठबंधन करने से पहले वंचित बहुजन अघाड़ी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि चुनाव के बाद आपकी पार्टी (NCP-SP) बीजेपी के साथ नहीं जाएगी।’
बता दें कि अगले कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों का ऐलान संभव है लेकिन अभी तक महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन में टिकटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। न सिर्फ शिवसेना और कांग्रेस के बीच टिकटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है, बल्कि प्रकाश आंबेडकर को भी सीटें देने पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। पिछले लोकसभा चुनावों में शिवसेना और बीजेपी साथ थीं लेकिन इस बार शिवसेना और NCP में 2 फाड़ हो चुका है और इन दोनों पार्टियों का एक गुट बीजेपी के साथ तो दूसरा विपक्ष में है।
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
कांग्रेस से संबद्ध पांच प्रधानमंत्रियों ने करीब सात दशक में कुल 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी ने इस आंकड़े की बराबरी कर ली है।
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