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तो मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को हुए मतदान के परिणाम 3 दिसंबर को आने हैं लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की धड़कनें बढ़ गई हैं। परिणाम क्या होगा यह तो समय के गर्भ में है लेकिन कुछ विधानसभा सीटों का हाल जानने को जनता बेताब है। मध्य प्रदेश में ऐसी हाई प्रोफाइल 7 सीटें हैं, जहां पर दिग्गजों का भाग्य ईवीएम में कैद है।
भोपाल: मध्य प्रदेश में ऐसी हाई प्रोफाइल 7 सीटें हैं, जहां पर दिग्गजों का भाग्य ईवीएम में कैद है। इन सभी को भाजपा ने मैदान में उतारा है, 7 सांसद हैं तो 1 पार्टी महासचिव।वहीं, सांसदों में से भी 3 केंद्रीय मंत्री हैं। इन सभी को जिन सीटों से उतारा गया है, उनमें से दो को छोड़कर बाकि 6 सीटों पर पिछली कई पंचवर्षीय से कांग्रेस का कब्जा है। इस चुनाव में इन सीटों का क्या है गणित, आज हम आपको बता रहे हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर
तोमर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री हैं। मुरैना से सांसद हैं। मध्य प्रदेश में पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री रह चुके हैं। पार्टी ने उन्हें मुरैना जिले की दिमनी सीट से मैदान में उतारा है। यह सीट तीन चुनावों से भाजपा से दूर है। तोमर की टक्कर कांग्रेस के मौजूदा विधायक रविंद्र तोमर से है। यहां के चुनाव में ट्विस्ट तब आ गया जब पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया बसपा से टिकट लेकर आ गए। अब मुकाबला त्रिकोणीय है। ऐसे में परिणाम भी रोचक ही होने की उम्मीद है।
प्रहलाद सिंह पटेल
प्रहलाद पटेल केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री हैं। दमोह से सांसद हैं। वे नरसिंहपुर से मैदान में हैं। कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल से उनकी टक्कर है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रहलाद चुनाव निकालने की स्थिति में हैं लेकिन जीत आसान नहीं होगी।
फग्गन सिंह कुलस्ते
केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से सांसद हैं। भाजपा ने उन्हें जिले के निवास सीट से मैदान में उतारा है। वर्तमान में यहां से कांग्रेस का विधायक है। निवास को जिला बनाने का मुद्दा भी गर्म रहा है। ऐसे में कुलस्ते की जीत कठिन मानी जा रही है।
कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के दिग्गज नेता हैं, राष्ट्रीय महासचिव हैं। मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं। उन्हें भाजपा ने उन्हें प्रतिष्ठित सीट इंदौर-1 विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है। कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला के बीच कड़ी टक्कर है। कैलाश 49 तो शुक्ला 51 आंके जा रहे हैं। यहां के नतीजे भी चौंकाने वाले होंगे।
रीति पाठक
सीधी से सांसद रीति पाठक को भाजपा ने सीधी विधानसभा से मैदान में उतारा है। वर्तमान भाजपा के ही विधायक केदारनाथ शुक्ल भी टिकट कटने से नाराज होकर मैदान में कूद गए हैं। कांग्रेस ने यहां से ज्ञानसिंह को मैदान में उतारा है। रीति और केदार की लड़ाई से ज्ञानसिंह का मैदान आसान हो गया है।
राकेश सिंह
जबलपुर सांसद राकेश सिंह को पार्टी ने जबलपुर पश्चिम से मैदान में उतारा है। उनका सामना कांग्रेस नेता पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत से है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राकेश और भनोत बिजनेस में 'पार्टनर' हैं। सांसद रहते हुए राकेश ने कई बार भनोत की मदद की है। ऐसे में भाजपा ने अब दो पार्टनर को मैदान में ला दिया। यहां से राकेश की जीत बेहद कठिन लग रही है।
राव उदय प्रताप सिंह
नर्मदापुरम से सांसद राव उदय प्रताप सिंह नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा सीट से मैदान में हैं। उनका सामना कांग्रेस नेत्री और वर्तमान विधायक सुनीता पटेल से है। यहां भी कांटे की टक्कर मानी जा रही है। राव ने यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
गणेश सिंह की है अग्निपरीक्षा
सतना सांसद गणेश सिंह सतना विधानसभा से मैदान में हैं। कांग्रेस ने सतना सीट से वर्तमान विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। जानकारों का कहना है कि गणेश सिंह के लिए यह सीट नाक से चने चबाने जैसा ही है। उनकी राहें आसान नहीं है।
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