मुंबई में ब्रिज का नामकरण , रखा 'सिंदूर ब्रिज' नाम
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
डॉ. संजय कुमार शर्मा द्वारा किये जा रहे प्रशंसनीय कार्य के लिए उन्हें 'दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार-2024 से सम्मानित किया गया है।
भोपाल : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (3 दिसंबर, 2024) नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2024 प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने मध्यप्रदेश के छतरपुर के डॉ. संजय कुमार शर्मा को 'दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार-2024 से सम्मानित किया है।संजय कुमार शर्मा अनेक मानसिक विक्षिप्त दिव्यांगों सहारा देने का काम निरंतर करते आ रहे हैं.
डॉ. संजय कुमार शर्मा ने पिछले 34 वर्षों से भारत,विशेषकर बुंदेलखंड क्षेत्र में मानसिक रोगियों के पुनर्वास के लिए अपना जीवन समर्पित किया है वे अपने निजी प्रयास और धन से वे ऐसे रोगियों को बचाते आ रहे हैं ,और उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ते है । मानसिक स्वास्थ और नशा मुक्ति पर जागरूकता बढ़ाने में भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए , डॉ. शर्मा का उद्देश्य समाज को संवेदना और सेवा के माध्यम से सशक्त बनाना है। डॉ. संजय कुमार शर्मा द्वारा किये जा रहे प्रशंसनीय कार्य के लिए उन्हें 'दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार-2024 से सम्मानित किया गया है।
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
कांग्रेस से संबद्ध पांच प्रधानमंत्रियों ने करीब सात दशक में कुल 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी ने इस आंकड़े की बराबरी कर ली है।
आपको याद होगा कुछ समय पहले इजरायल में संकट हुआ था तो भारत ने अपने लोगों को वहां काम करने के लिए भेजा था. अब एक और दोस्त देश भारतीयों को बुला रहा है. वहां के लोग या तो यूक्रेन से जंग लड़ रहे हैं या फिर ऐसे काम करना नहीं चाहते हैं. इसी साल अगर आप रूस जाकर काम करने की इच्छा रखते हैं तो ऐसे 10 लाख लोगों की भर्ती होने वाली है.