प्रधानमंत्री मोदी ने बनाया एक और नया रिकॉर्ड
कांग्रेस से संबद्ध पांच प्रधानमंत्रियों ने करीब सात दशक में कुल 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी ने इस आंकड़े की बराबरी कर ली है।
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
मुंबईवालों के लिए अच्छी खबर है। दक्षिण मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी गलियारों को जोड़ने वाले दोबारा बनाए गए कार्नैक ब्रिज, जिसका नाम बदलकर अब सिंदूर ब्रिज रख दिया गया है, का गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन कर दिया। बताया जा रहा है कि इस फ्लाईओवर (ब्रिज) से दक्षिण मुंबई में पूर्व-पश्चिम ट्रैफिक फ्लो में काफी सुधार होने की उम्मीद है। खबर के मुताबिक, आम लोगों के लिए दोपहर 3 बजे तक ट्रैफिक शुरू हो जाएगा।
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुंबई में आज क्षतिग्रस्त कार्नैक ब्रिज के स्थान पर सिंदूर ब्रिज का उद्घाटन किया जा रहा है, जिसे ध्वस्त कर दिया गया था। कार्नैक एक अत्याचारी गवर्नर थे। हम जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीयों के दिलों में बसता है। इसीलिए हमने ब्रिज का नाम बदलकर सिंदूर ब्रिज करने का फैसला किया है। मैं बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने रिकॉर्ड समय में इस ब्रिज का निर्माण पूरा किया है। मैं इस ब्रिज को मुंबई के लोगों को समर्पित करता हूं। मुंबईकर आज दोपहर 3 बजे से इस ब्रिज का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं।
आपको बता दें, आज जिस सिंदूर ब्रिज का उद्घाटन हुआ, उसे पहले कार्नैक ब्रिज कहा जाता था। बाद में इस पुल का नाम ऑपरेशन सिंदूर के तहत पूर्व राज्यपाल जेम्स रिवेट कार्नैक के नाम पर बदलकर "सिंदूर ब्रिज" कर दिया गया था। मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन के पास स्थित यह सिंदूर फ्लाईओवर या ब्रिज, पी.डी.मेलो रोड को क्रॉफर्ड मार्केट, कालबादेवी और मोहम्मद अली रोड जैसे प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों से जोड़ता है। अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद, बीएमसी ने इसे बनाया है।
कांग्रेस से संबद्ध पांच प्रधानमंत्रियों ने करीब सात दशक में कुल 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी ने इस आंकड़े की बराबरी कर ली है।
आपको याद होगा कुछ समय पहले इजरायल में संकट हुआ था तो भारत ने अपने लोगों को वहां काम करने के लिए भेजा था. अब एक और दोस्त देश भारतीयों को बुला रहा है. वहां के लोग या तो यूक्रेन से जंग लड़ रहे हैं या फिर ऐसे काम करना नहीं चाहते हैं. इसी साल अगर आप रूस जाकर काम करने की इच्छा रखते हैं तो ऐसे 10 लाख लोगों की भर्ती होने वाली है.
2024 से 1.08 लाख रिक्तियों की घोषणा की गई; वित्तीय वर्ष 2026-27 में 50,000 नियुक्तियां की जाएंगी . निष्पक्ष परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे अभ्यर्थियों के प्रमाणीकरण के लिए आधार का उपयोग कर रहा है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से नकल करने की गुंजाइश को खत्म करने के लिए जैमर का उपयोग कर रहा है