• 07 Oct, 2025

महिला शोधकर्ताओं और विद्वानों को सशक्त बनाना समावेशी ज्ञान अर्थव्यवस्था के निर्माण का मूल आधार है: सावित्री

महिला शोधकर्ताओं और विद्वानों को सशक्त बनाना समावेशी ज्ञान अर्थव्यवस्था के निर्माण का मूल आधार है: सावित्री

श्रीमती सावित्री ठाकुर ने नई दिल्ली स्थित आईसीएसएसआर में भारत शोध यात्रा 2025 को हरी झंडी दिखाई

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली में भारत शोध यात्रा 2025 को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

 

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इस भारत शोध यात्रा का आयोजन स्प्रिंगर नेचर ने केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से किया। यह यात्रा अनुसंधान में समग्रता, समावेशिता और नवाचार को बढ़ावा देने वाली देश की सबसे महत्वाकांक्षी आउटरीच पहलों में से एक है। अपने तीसरे संस्करण में यह यात्रा 15 शहरों और 7 राज्यों के 29 संस्थानों से होकर गुजरेगी। इसमें ओपन एक्सेस, अनुसंधान समग्रता, विविधता, समावेशिता और नैतिक विद्वता पर जोर होगा।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्रीमती सावित्री ठाकुर ने ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत शोध यात्रा देश भर के शोधकर्ताओं से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। यह यात्रा शोध में महिलाओं को प्रोत्साहन देती है, विद्वता में नैतिकता को प्रगाढ़ करती है, और अवसरों तथा संसाधनों तक सबकी समान पहुंच सुनिश्चित करती है। महिला शोधकर्ताओं और विद्वानों का सशक्तिकरण एक समावेशी ज्ञान अर्थव्यवस्था के निर्माण का मूल आधार है। नैतिक शोध प्रथाओं को बढ़ावा देकर और ज्ञान तक पहुंच को सर्व-सुलभ करके यह पहल विकसित भारत के दृष्टिकोण में प्रत्यक्ष योगदान देती है।

श्रीमती ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में महिला शोधकर्ताओं के लिए सुरक्षित, सहायक और अवसरों से परिपूर्ण वातावरण बनाने पर मंत्रालय का ज़ोर है। उन्होंने स्प्रिंगर नेचर और आईसीएसएसआर की इस बात के लिए सराहना की कि उन्होंने इस दौरे में शोध में लैंगिक समानता, नैतिक प्रकाशन प्रथाओं और "हर रिसर्च, अवर फ्यूचर" पहल पर चर्चाएं शामिल कीं, जो शिक्षा जगत और नीति-निर्माण में महिलाओं की आवाज़ को मुख्यधारा में लाने के मंत्रालय के मिशन के अनुरूप है।

इस अवसर पर स्प्रिंगर नेचर के सीईओ श्री फ्रैंक व्रेनकेन पीटर्स; स्प्रिंगर नेचर इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री वेंकटेश सर्वसिद्धि और आईसीएसएसआर के सदस्य सचिव प्रोफेसर धनंजय सिंह भी उपस्थित थे।

इस वर्ष की शोध यात्रा में आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी गुवाहाटी, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (नई दिल्ली), आईआईएम कलकत्ता, आईआईएम लखनऊ और आईआईएम बोधगया जैसे प्रमुख संस्थानों का दौरा शामिल होगा।

भारत शोध यात्रा 2025 के प्रमुख स्तंभों में निम्नलिखित शामिल हैं:

ओपन एक्सेस (ओए) को बढ़ावा देना और एक राष्ट्र, एक सदस्यता (ओएनओएस) के बारे में जागरूकता बढ़ाना;

अनुसंधान समग्रता को आगे बढ़ाना और प्रकाशन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका का पता लगाना;

"हर रिसर्च, अवर फ्यूचर" जैसी पहलों के माध्यम से विविधता और समावेशन को बढ़ावा देना;

ज्ञान तक पहुंच को सर्वसुलभ बनाकर संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में मदद करना।

स्प्रिंगर नेचर दुनिया के अग्रणी शोध प्रकाशकों में से एक है और ओपन साइंस में अग्रणी है। अपने विश्वसनीय ब्रांडों और तकनीक-संचालित प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से, स्प्रिंगर नेचर शोधकर्ताओं को अपनी खोजों को साझा करने में सहायता करता है, शिक्षकों को सीखने के लिए कदम आगे बढ़ने में मदद करता है, और पेशेवरों को ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बने रहने के लिए सशक्त बनाता है।