मुंबई में ब्रिज का नामकरण , रखा 'सिंदूर ब्रिज' नाम
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कोविड (Coronavirus) को सामान्य सर्दी न मानने को लेकर आगाह किया. उन्होंने कहा कि जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं या लंबे समय से परेशानी झेल रहे हैं, ऐसे लोगों को ज्यादा जोखिम है.
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 को क्लासिफाइड किया है. वर्तमान में उपलब्ध साक्ष्यों से पता चलता है कि इससे कोई बड़ा खतरा नहीं है. डब्ल्यूएचओ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, नॉर्थ में सर्दियों की शुरुआत के साथ, जेएन.1 कई देशों में सांस के संक्रमण का बोझ बढ़ा सकता है."
कोरोना के नए वेरिएंट से बीमारों को ज्यादा खतरा-सौम्या स्वामीनाथन
डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोविड को सामान्य सर्दी न मानने को लेकर आगाह किया है. जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं या लंबे समय से परेशानी झेल रहे हैं, ऐसे लोगों को ज्यादा जोखिम है. इसकी वजह से दिल के दौरे, स्ट्रोक और मानसिक स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है. हालांकि, दोनों विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि नया वेरिएंट अधिक संक्रामक है, लेकिन यह अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं है. दरअसल भारत में कोरोना वैक्सीनेशन के बाद लोगों को नए वायरस से खतरा कम ही है.
कोरोना को लेकर सावधानियां बरतने पर जोर
डॉ. स्वामीनाथन ने यह भी बताया कि भारत का हेल्थ सिस्टम 2020 में कोरोना की पहली लहर और 2021 में घातक डेल्टा लहर के समय से काफी दुरुस्त हो चुका है. देश कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए तैयार है. डॉ. स्वामीनाथन ने लोगों को कोरोना को लेकर सावधानियां बरतने पर जोर दिया. उन्होंने बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए मास्क पहनना शुरू करने की जरूरत पर भी जोर दिया.
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
कांग्रेस से संबद्ध पांच प्रधानमंत्रियों ने करीब सात दशक में कुल 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी ने इस आंकड़े की बराबरी कर ली है।
आपको याद होगा कुछ समय पहले इजरायल में संकट हुआ था तो भारत ने अपने लोगों को वहां काम करने के लिए भेजा था. अब एक और दोस्त देश भारतीयों को बुला रहा है. वहां के लोग या तो यूक्रेन से जंग लड़ रहे हैं या फिर ऐसे काम करना नहीं चाहते हैं. इसी साल अगर आप रूस जाकर काम करने की इच्छा रखते हैं तो ऐसे 10 लाख लोगों की भर्ती होने वाली है.