• 28 Jun, 2025

'न्यू मीडिया में जितनी चुनौतियां हैं, उतने ही अवसर भी'

'न्यू मीडिया में जितनी चुनौतियां हैं, उतने ही अवसर भी'

पब्लिक रिलेशन काउंसिल आफ इंडिया का स्थापना दिवस समारोह संपन्न

भोपाल  । एआई और डिजिटल मीडिया में सूचनाओं का अंबार है और इसलिए अत्यधिक सूचनाओं के कारण हमारे सामने कई चुनौतियां  हैं। लेकिन इन चुनौतियों के साथ-साथ हमारे लिए अनेक अवसर भी उपलब्ध हुए हैं। यह हमारे ऊपर है कि हम इन अवसरों को किस प्रकार से भुनाते हैं। इस आशय के विचार दैनिक भास्कर , भोपाल के संपादक श्री सतीश कुमार सिंह ने पब्लिक रिलेशन काउंसिल आफ इंडिया (पीआरसीआई) के 21 वें स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम में व्यक्त किए । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए श्री सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि सिर्फ कोरी सूचनाएं देने से उनका कोई अर्थ नहीं होता, जब तक कि उन सूचनाओं में हम मानवीय संवेदनाओं को नहीं जोड़ते, तब तक हम उन सूचनाओं को प्रभावी तरीके से अपने टारगेट तक नहीं पहुंचा सकते। उन्होंने प्रभावी संवाद के लिए सूचनाओं के साथ मानवीय संवेदनाओं को जोड़ने के महत्व पर बल दिया।

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इसके पूर्व सेज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर मयंक सक्सेना ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि जो छात्र चाहे वह इंजीनियरिंग के विद्यार्थी हों ,मैनेजमेंट के हों अथवा साइंस या कॉमर्स के विद्यार्थी हों ,उन सभी के लिए एक जरूरी स्किल है- अपने लक्ष्य समूह के साथ बेहतर संवाद कायम करना। यह तभी संभव हो सकता है जब आप संवाद या कम्युनिकेशन की बारीकियों को समझें।

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 कार्यक्रम में पीआरसीआई, मध्य क्षेत्र के अध्यक्ष श्री प्रशांत पाठराबे ने कहा कि आज के समय में नॉलेज ही पावर है। उन्होंने कहा कि जिसके पास जितनी अधिक सूचनाएं होंगी वह उनका उतना ही बेहतर तरीके से इस्तेमाल अपने हित में कर सकता है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क मात्र अपनी बात आम जनता तक पहुंचाने का एक जरिया ही नहीं है बल्कि क्षेत्र विशेष की समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने में भी अपनी प्रभावी भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश में किसानों को लेकर हमें एक अलग तरह से प्रयास करने होंगे। किसानों के मुद्दे, उनकी समस्याएं, उनके फसलों की मार्केटिंग, उनके प्रबंधन को लेकर उन्हें बेहतर तरीके से समझा पाना संवाद का असली उद्देश्य होगा । श्री पाठराबे ने कहा कि जनसंपर्क का सबसे बड़ा लक्ष्य यही है कि हम अपने लक्ष्य समूह तक अपनी बात तो पहुंचाएं ही, साथ ही उसको हम अपने संवाद से कितना फायदा पहुंचा रहे हैं यह भी गौर करने वाली बात होगी। इसके पूर्व श्री पाठराबे ने पीआरसीआई की कार्य प्रणाली और देश में इस संगठन के कार्यकारी तंत्र के बारे में बताया। इसी कड़ी में पीआरसीआई के डायरेक्टर श्री हर्ष सुहालका ने कहा कि आज के समय में  पीआरसीआई के  समक्ष नई जिम्मेदारियां आ गई हैं। हमें अपनी पूरी विशेषज्ञता के साथ उन जिम्मेदारियां को उठाना होगा और बड़ी संख्या में अपने संवाद के माध्यम से उन्हें जोड़ना होगा ।

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इस कार्यक्रम में वाद -विवाद प्रतियोगिता का दो सत्रों में आयोजन किया गया। कल और आज वाद-विवाद प्रतियोगिता के आयोजन के फलस्वरुप प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी के विजेताओं के साथ-साथ इस प्रतियोगिता में भागीदारी करने वाले प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। प्रथम पुरस्कार श्री मृत्युंजय झा, द्वितीय पुरस्कार सुश्री अनन्या अवस्थी और तृतीय पुरस्करा अनन्या कुमारी को प्रदान किया गया। वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय था सोशल मीडिया: अभिशाप या वरदान। वाद-विवाद प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर वन्या चतुर्वेदी, प्राध्यापक पत्रकारिता विभाग ने किया। कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर स्वाति शर्मा विभागाध्यक्ष,एचओएस ने आभार ज्ञापन किया।