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लोकसभा नतीजे आ चुके हैं, मोदी ने रविवार 9 जून को अपने 71 मंत्रियों सहित शपथ भी ले ली है, लेकिन सवाल अब भी है कि बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? जिनपर सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे थे उनमें जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान के नाम थे पर वो तो मंत्री बन गए।
नईदिल्ली। बीजेपी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने नरेंद्र मोदी के तीसरे मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ले ली है. इससे यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी अपनी घोषणा पर कायम है कि नड्डा जून 2024 तक पार्टी प्रमुख रहेंगे. उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था लेकिन लोकसभा चुनावों को देखते हुए इसे जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था.इससे अब अटकलें तेज हो गई हैं कि अगला बीजेपी अध्यक्ष कौन हो सकता है. संभावित उत्तराधिकारी माने जाने वाले कई नेताओं- जैसे सीआर पाटिल, शिवराज सिंह चौहान और भूपेन्द्र यादव - को कैबिनेट में शामिल किए जाने के बाद अटकलों ने और जोर पकड़ लिया.
नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही थीं। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल का नाम भी चल रहा था। अब ये दोनों केंद्र की NDA सरकार में मंत्री बन गए हैं, इसलिए अब नए नामों पर चर्चा शुरू होगी। तरह तरह की चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह चल रही है कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश से आ सकता है, क्योंकि इस राज्य ने लोकसभा चुनाव में BJP को जोर का झटका दिया है। साथ ही यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश में संगठन की स्थिति कमजोर हुई है। हालांकि, महाराष्ट्र से भी एक नेता का नाम चल रहा है जो इस वक्त संगठन में ही अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
इन दो नामों पर भी अटकलें तेज
इससे भाजपा को पार्टी संगठन के भीतर झांकने का मौका मिल गया है। इस पद के लिए दो नामों पर अटकलें लगाई जा रही हैं-
विनोद तावड़े
विनोद तावड़े महाराष्ट्र से हैं और राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वे बिहार के प्रभारी महासचिव हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। तावड़े ने पार्टी द्वारा लाभार्थियों के लिए चलाए गए खास अभियानों और जन संपर्क कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से कम समय में ही प्रमुखता हासिल कर ली है।
सुनील बंसल
सुनील बंसल एक और नेता हैं जो पार्टी के लिए राज्य महासचिव (संगठन) के रूप में यूपी में अहम भूमिका निभाने के बाद चर्चा में आए। यूपी के बाद बंसल को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना के प्रभारी महासचिव के रूप में राष्ट्रीय कार्य सौंपा गया। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बंसल ने देश भर के कॉल सेंटरों को भी संभाला, फीडबैक एकत्र किया और जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। बंसल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भरोसा जीता है और पार्टी के मामलों को सावधानीपूर्वक संभालने के लिए एक नाम बन गए हैं। ऐसी भी संभावना है कि पार्टी नए अध्यक्ष की तलाश पूरी होने तक कुछ समय के लिए नड्डा को ही अध्यक्ष पद पर बनाए रखे।
ओम बिड़ला
2019 से 2024 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे बिड़ला भी आरएसएस और एबीवीपी के बैकग्राउंड से आते हैं. वह कोटा निर्वाचन क्षेत्र से फिर से निर्वाचित हुए हैं, हालांकि कम अंतर से. बिड़ला को पीएम मोदी और अमित शाह के साथ-साथ आरएसएस का भी भरोसा हासिल है.
ओम माथुर
राजस्थान के वरिष्ठ नेता ओम माथुर आरएसएस के प्रचारक भी रहे हैं और उनके पास काफी संगठनात्मक अनुभव है. उन्होंने गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी के कैंपेन को मैनेज किया है.
उनकी सबसे हालिया सफलता 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव थी, एक मुश्किल चुनाव जिसमें बीजेपी ने कांग्रेस पर आश्चर्यजनक जीत हासिल की थी. उन्हें संगठनात्मक मामलों के शानदार ज्ञान के साथ एक कम प्रोफाइल वाले नेता के रूप में जाना जाता है.
अनुराग ठाकुर
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर केंद्रीय कैबिनेट से आश्चर्यजनक रूप से बाहर किए गए लोगों में से एक हैं. उन्होंने पिछली मोदी सरकार में खेल और सूचना एवं प्रसारण जैसे विभाग संभाले हैं और लगातार पांचवीं बार हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट से फिर से चुने गए हैं. बीजेपी की युवा शाखा के पूर्व अध्यक्ष, ठाकुर संगठनात्मक कार्यों के लिए भी अजनबी नहीं हैं.
हालांकि, ठाकुर को बीजेपी प्रमुख बनाने का मतलब होगा कि लगातार दो हिमाचली इस शीर्ष पद को संभालेंगे. इसके अलावा इसका मतलब होगा कि बीजेपी पहली बार पार्टी प्रमुख का पद किसी राजनीतिक परिवार के आने वाले सदस्य को देगी. पार्टी में संगठनात्मक अनुभव को अबतक प्रधानता दी गई है इसलिए ऐसा हुआ तो यह आश्चर्यजनक होगा.
बीएल संतोष
बीएल संतोष वर्तमान में बीजेपी में महासचिव (संगठन) हैं और पहले से ही पार्टी में एक शक्ति केंद्र हैं. वह आरएसएस के प्रचारक भी रहे हैं और कार्यकर्ताओं के वैचारिक प्रशिक्षण में प्रभावी माने जाते हैं. हालांकि, कर्नाटक बीजेपी का एक गुट राज्य में 2023 के चुनाव में हार के लिए उन्हें दोषी मानता है और यह उनके लिए नकारात्मक फैक्टर हो सकता है. बंसल, तावड़े और ओम माथुर के विपरीत, बीएल संतोष मीडिया और सोशल मीडिया पर लगातार बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं.
संघ की मंजूरी के बाद ही बनेगा अध्यक्ष
लोकसभा चुनाव में BJP ने 370 सीटें जीतने का टारगेट रखा था, लेकिन मैजिक नंबर 272 तक के करीब भी नहीं पहुंच पाई। इसके बाद यह माना जा रहा है कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी संगठन पर ज्यादा ध्यान देगा और जो भी नया अध्यक्ष बनेगा वह उसकी पूरी सहमति से ही बनेगा। केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके कई लोगों को इस बार सरकार में जगह नहीं मिली है। माना जा रहा है कि उन्हें संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पिछली सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे अनुराग ठाकुर को इस बार मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें संगठन में जगह दी जा सकती है। वह पहले ही BJP युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं। इसी तरह स्मृति इरानी सहित कई नेता अब संगठन में काम करते हुए दिख सकते हैं।
वैज्ञानिकों की 2170 टीमों ने 1.42 लाख से अधिक गांवों में 1.34 करोड़ से ज्यादा किसानों से किया सीधा संवाद
"तीन अमृत भारत ट्रेनें वर्तमान में चालू हैं और उन्हें जनता से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। आने वाले दिनों में छह और अमृत भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी। इसके अलावा, 50 और ट्रेनों का उत्पादन चल रहा है तथा आगे और अधिक बैच आएंगे।"
स्वच्छ भारत के माध्यम से सम्मान सुनिश्चित करने से लेकर जन धन खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन तक विभिन्न पहलों का ध्यान हमारी नारी शक्ति को सशक्त बनाने पर रहा है: प्रधानमंत्री