मुंबई में ब्रिज का नामकरण , रखा 'सिंदूर ब्रिज' नाम
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
खाने में मिलावट मर्डर के बराबर मानी जानी चाहिये मगर अब मिलावटखोर कुछ भी मिलाए बस येन केन प्रकारेण उसे सेफ साबित करके कुछ भी मिलाये, यहां सब चलता है। याद रखना अगर आपका खाना किसी के व्यापार का प्रोडक्ट है तो कोई व्यापारी कम नही कमाना चाहता चाहे आपके बच्चे मर जाये।
नयी दिल्ली । गोबर पट्टी के ढाबो पर तंदूरी परांठो के साथ सफेद मक्खन में पेट्रोलियम वैक्स भर भर कर परोसा जाता है। ऐसा नकली सफेद मक्खन 120 Rs किलो मिल जाता है। दाल मखनी में 45-59% क्रीम + बटर है जो अधिकतम फर्जी फैट से बनती है। मगर यहां के लोग 40 सब्जियां एक तरफ व दाल मखनी अकेली एक तरफ, नाश्ते, लंच, डिनर सबमे खाएंगे। टॉप 5 सेफ पर एक सर्वे किया गया जिसमें 4 अपनी ही दाल मखनी नही पहचान पाये। कारण: 45-50% क्रीम+ बटर के बाद सब एक जैसी बनती है। यहां ये भी बताता चलूं की ये क्रीम बटर से लदी दाल सेहत के लिए सिर्फ नुकसानदायक नही बल्कि "unsafe" फ़ूड है।
पैराफिन वैक्स का इस्तेमाल
सुंदर चॉकोलेट की कोटिंग पेट्रोलियम इंडस्ट्री से निकले पैराफिन वैक्स से की जाती है ताकि वो देर तक पिंघले नही व चिकनी चमकदार दिखे। एक जैसा टेस्ट बनाये रखने के लिए वनीला आइस क्रीम फ्लेवर, बादाम फ्लेवर, लेमन फ्लेवर पेट्रोलियम पदार्थों से बनाये जा रहे है। सेब, किन्नू आदि को ताजा रखने के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी से निकले ओलेस्त्रा/वैक्स यूज़ होता है। फ्रोजन चिकन, पिज़्ज़ा, बिस्कुट, कॉर्न चिप्स, पॉपकॉर्न में बेहद सस्ता पड़ने के कारण चिकना पेट्रोलियम पदार्थ TBHQ मिलाया जाता है।
2013 में भारत मे कुकिंग आयल व घी में मिनरल आयल ( पेट्रोलियम चिकनाई) पकड़ी गई थी। मिनरल आयल मिलाने से आपका वनस्पति तेल से बना घी कई साल भी खराब नही होगा। आटा, अंडे, दूध, चीनी से बने पदार्थ तेजी से खराब होते है। अब अगर कोई इनसे बनी मिठाई, बन, ब्रेड, कूकीज, केक आदि को हफ़्तों फ्रेश रखना चाहते हो तो उसमें रिफाइनरी से निकला मिनरल आयल मिला दो। ऐसी चीजे शोरूम के शीशे के पीछे एक दम झक्कास फ्रेश व चमकदार दिखेगी।खाना घर का बना, मसाले घर लाकर पिसे गये, खाने का समान उत्पादक से खरीदा गया तो कुछ बच जाओगे। खाना, एजुकेशन, इलाज कभी भी व्यापारिक उत्पाद नही होने चाहिए ना ये प्राइवेट हाथों में होने चाहिये।इस देश में मिलावट के खिलाफ एक कानून Food adulteration Act 1954 में बना था जिसमें जो खाने का समान है उसके अलावा कुछ भी मिलने पर जेल होती थी। उसे खाने की इंडस्ट्री के व्यापारियों ने बदल कर 2006 में फ़ूड सेफ्टी एक्ट करवा कर मिलावट के गेट खुलवा लिये। अब आपकी हल्दी में बेसन मिल गया तो ये adulterated तो है मगर सेफ्टी खतरे में नही। पहले काली मिर्च में पपीते के बीज मिलावट थे अब सेफ्टी को खतरा नही तो सब चलेगा।
अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त किए जाने के बाद इसे बनाया गया है। यह ब्रिज प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ता है। पुल 328 मीटर लंबा है।
कांग्रेस से संबद्ध पांच प्रधानमंत्रियों ने करीब सात दशक में कुल 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी ने इस आंकड़े की बराबरी कर ली है।
आपको याद होगा कुछ समय पहले इजरायल में संकट हुआ था तो भारत ने अपने लोगों को वहां काम करने के लिए भेजा था. अब एक और दोस्त देश भारतीयों को बुला रहा है. वहां के लोग या तो यूक्रेन से जंग लड़ रहे हैं या फिर ऐसे काम करना नहीं चाहते हैं. इसी साल अगर आप रूस जाकर काम करने की इच्छा रखते हैं तो ऐसे 10 लाख लोगों की भर्ती होने वाली है.