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केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रेस वार्ता
डर, लालच और आलस्य : साइबर अपराध का शिकार होने के तीन प्रमुख कारण; जागरूकता ही उपाय — पीआईबी भोपाल द्वारा ‘वार्तालाप’ मीडिया वर्कशॉप का आयोजन
किसी भी व्यक्ति के साइबर अपराध का शिकार बनने के पीछे मुख्य रूप से डर, लालच या आलस्य में से ही कोई एक वजह होती है। थोड़ी-सी जागरूकता और सतर्कता रखने से साइबर धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। उक्त विचार पत्र सूचना कार्यालय, भोपाल, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा विषय पर आधारित मीडिया वर्कशॉप ‘वार्तालाप’ के दौरान विशेषज्ञ वक्ताओं ने व्यक्त किए। राज्य साइबर पुलिस के सहयोग से शुक्रवार को भोपाल स्थित होटल शुभ इन में आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य मीडिया प्रतिनिधियों को साइबर सुरक्षा से जुड़े खतरों एवं सावधानियों से अवगत कराना तथा समाज में व्यापक जन-जागरूकता बढ़ाना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय की सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती सारिका शुक्ला ने किया। उन्होंने कहा कि बदलते डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा एक गंभीर चुनौती है और समाज के हर वर्ग को इसके लिए जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने साइबर सुरक्षा पर केंद्रित ‘वार्तालाप’ को पीआईबी भोपाल की सराहनीय पहल बताया और कहा कि पत्रकारों के माध्यम से यह संदेश आमजन तक प्रभावी ढंग से पहुंचेगा।
इस अवसर पर पीआईबी भोपाल के अपर महानिदेशक श्री प्रशांत पाठराबे ने कहा कि डिजिटल लेन-देन बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड भी चिंताजनक स्तर तक बढ़े हैं। वर्ष 2022 से 2024 के दौरान भोपाल के नागरिकों को लगभग 104 करोड़ रुपये का नुकसान ऑनलाइन ठगी के माध्यम से हुआ, जिसमें से केवल 2 प्रतिशत राशि ही रिकवर हो पाई। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से प्राप्त धनराशि का उपयोग आतंकी गतिविधियों में भी होता है, इसलिए इस विषय पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बैंकों में साइबर अपराध से जुड़े मामलों के लिए विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किए जाने चाहिए।
पीआईबी भोपाल के निदेशक श्री मनीष गौतम ने कहा कि दैनिक जीवन में अधिकांश लोग किसी न किसी रूप में साइबर अपराध से प्रभावित होते हैं। चूँकि मीडिया की आसान पहुँच उन तक होती है इसलिए मीडिया प्रतिनिधियों के बीच वर्कशॉप आयोजित करना अधिक प्रभावी और उपयोगी है।
कार्यशाला में आयोजित तकनीकी सत्र में विशेषज्ञ वक्ताओं ने इस विषय से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। साइबर कमांडो श्री अनुज समाधिया ने डिजिटल अरेस्ट एवं साइबर स्लेवरी विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि डर, आलस्य और लालच साइबर अपराध के मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के भ्रामक संदेश पर प्रतिक्रिया करने से पहले ठहर कर उसकी वास्तविकता का विचार करना आवश्यक है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सीनियर फैकल्टी श्री अरुण पोनप्पन ने बैंकिंग एवं वित्तीय लेन-देन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डाला। साइबर सुरक्षा प्रशिक्षक श्री अतुल श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली भ्रामक सूचनाओं एवं उनसे बचाव पर मार्गदर्शन किया।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में पत्रकारों, मीडिया प्रतिनिधियों एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पीआईबी भोपाल के सहायक निदेशक श्री अजय उपाध्याय ने किया तथा आभार प्रदर्शन सीबीसी भोपाल के उप निदेशक श्री शारिक नूर ने किया। इस अवसर पर पीआईबी भोपाल के सहायक निदेशक श्री समीर वर्मा, सीबीसी भोपाल के सहायक निदेशक श्री पराग मांदले सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रेस वार्ता
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