स्वच्छ परिवर्तनों का साक्षी पीथमपुर
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मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह अशुभ ग्रह केतु के मूल नक्षत्र में हुआ है । इसके बाद ज्योतिष विशेषज्ञों के बीच में ऐसी चर्चाएं तेज हो गई हैं कि अशुभ नक्षत्र में शपथ लेने के बाद मोहन यादव के लिए मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल कितना शुभ और प्रभावशाली होगा। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
मध्य प्रदेश में शानदार जीत के बाद सीएम पद के लिए शिवराज सिंह के साथ-साथ कई नेताओं के नामों की चर्चा चल रही थी, लेकिन पार्टी ने जिस नेता को सीएम पद के लिए चुना उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. पार्टी ने चौंकाने वाला फैसला करते हुए मोहन यादव को चुना. नए सीएम ने शपथ भी ले ली है. इस शपथ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए. बीजेपी ने सबको हैरान करते हुए 18 साल से जीत रहे सीएम शिवराज को बदलकर इस बार मध्य प्रदेश में नए चेहरे को मुख्यमंत्री का पद सौंपा है.ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो आज 13 दिसंबर को बुधवार के दिन मूल नक्षत्र, शूल योग तथा शुक्ल प्रतिपदा का दिन शपथ ग्रहण के लिए पंचांग की दृष्टि से साधारण फल देने वाला है। सामान्यता मूल नक्षत्र को क्रूर माना जाता है और शपथ ग्रहण समारोह के लिए नहीं चुना जाता। शपथ ग्रहण के समय कुंभ लग्न उदय हो रहा है जिसमें लग्नेश शनि और गुलिका स्थिति है। लग्न और लग्नेश शनि दोनों पर राजसत्ता के दशम भाव से मंगल की चौथी दृष्टि पड़ रही है जो कि नए मुख्यमंत्री की तेज़ -तरार कार्यशैली की ओर एक ज्योतिषीय संकेत दे रही है।
एक सख्त और कुशल प्रशासक की छवि बनाएंगे मोहन यादव
25 मार्च 1965 को उज्जैन में जन्मे मोहन यादव की चंद्र राशि धनु है तथा चन्द्रमा से चतुर्थ भाव में सूर्य-शुक्र-बुध का शुभ योग उनकी कुंडली में है। अग्नि तत्व की राशि धनु में जन्मे मोहन यादव के जन्मकालीन मंगल भी अग्नि तत्व की राशि सिंह में होकर शनि से समसप्तक योग बना रहे हैं, किन्तु चन्द्रमा के आगे और पीछे कोई ग्रह स्थित न होने से यह केमद्रुम योग में फंस गया है। ऐसे में उग्र हिंदुत्व के पैरोकार मोहन यादव को अपनी तेज़ -तर्रार छवि के चलते अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं से कुछ संघर्ष का सामना करना होगा। अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाने वाले चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चंद्र राशि मकर है। जो कि मोहन यादव की चंद्र राशि धनु से 2/12 का बुरा सम्बन्ध बनाकर आगे चल कर दोनों में कुछ संघर्ष दिखा रही है। दर्शन शास्त्र में पीएचडी मोहन यादव की शपथ ग्रहण कुंडली में शनि लग्न में धर्म और दर्शनशास्त्र की राशि कुंभ में बेहद मजबूत स्थिति में होकर उनको प्रदेश में कानून व्यस्था , पुलिस, प्रशासन और नई उद्योग नीति को कड़ाई से लागू करने में सहायता देंगे। शपथ ग्रहण कुंडली के नवांश लग्न में शनि और मंगल दो उग्र ग्रहों की उपस्थिति मुख्यमंत्री मोहन यादव को एक सख्त और कुशल प्रशासक की छवि प्रदान करने में मदद देंगे।
मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव की जन्मराशि धनु है. विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार उनका जन्म 25 मार्च 1965 को हुआ था. उन्होंने 13 दिसंबर 2023 को लगभग साढ़े 11 बजे शपथ ली. इससे पूर्व 11 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा उनकी राशि में प्रवेश कर गए. ऐसे में राशि स्वामी गुरु और मनोभावनाओं के ग्रह चंद्रमा का पूरा आशीर्वाद उन्हें प्राप्त होगा.
जन्मांक से समझें तो उनका 25 मार्च 1965 के अनुसार, जन्मांक 7 और भाग्यांक 5 है. ध्यान से समझें यह 21वीं सदी का 23वां वर्ष चल रहा है. इसका टोटल 2 जोड़ 3 बराबर 5 होता है. यहां मोहन यादव के साथ भाग्यांक संयोग बन रहा है. साल 2023 को पूरा जोड़ा जाए तो अंक 7 आता है. ऐसे में साफ नजर आ रहा है मोहन यादव के जीवन में वर्ष 2023 का विराट संयोग बना हुआ है. वे गणनाक्रम में मध्य प्रदेश के 29वें मुख्यमंत्री हैं.
बुलंद है किस्मत
मोहन यादव की जन्मतिथि के अनुसार, 2 अंक भी उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन पड़ता है, क्योंकि 7 और 5 दोनों अंकों का परम मित्र माना जाता है. वे क्रमश : मध्य प्रदेश के 29वें मुख्यमंत्री हैं और बतौर एक व्यक्ति वे 20वें मुख्यमंत्री हैं. दोनों में ही यहां उन्हें 2 अंक का गहरा सपोर्ट मिला हुआ है. अंकशास्त्र के अनुसार, आगामी 4 वर्षों तक उनके सितारे बुलंद बने हुए हैं.
इन क्षेत्रों में उन्नति करेगा मध्यप्रदेश
मध्य प्रदेश की स्थापना कुंडली 1 नवंबर 1956 को मध्य रात्रि भोपाल में कर्क लग्न की बनती है। इस कुंडली में वर्तमान में बुध की महादशा में स्त्रीकारक ग्रह शुक्र की अंतरदशा चल रही है। शुक्र की विंशोत्तरी दशा के चलते बीजेपी को मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की लाडली बहन योजना के चलते महिलाओं का बड़ा समर्थन मिला और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से लगता है कि मोहन यादव भी इस योजना को जारी रख सकते हैं। किन्तु मध्यप्रदेश की स्थापना कुंडली में दशम भाव में पड़ने वाली मेष राशि पर शनि और गुरु दोनों की वर्तमान में गोचर पर दृष्टि है, इसके चलते आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश में नौकरशाही और मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव होंगे और सरकारी नौकरियों की रुकी हुई भर्तियां भी शुरू होंगी। मोहन यादव की शपथ ग्रहण कुंडली में दशम भाव में मंगल की राशि वृश्चिक में बैठे मंगल और सूर्य पर शनि की दसवीं दृष्टि सरकारी नौकरी , धातु और केमिकल उद्योग , खाद बनाने के कारखाने तथा अन्य भारी उद्योग में राज्य सरकार द्वारा उन्मुक्त नीति बनाने का ज्योतिषीय संकेत है। किन्तु नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण चूंकि एक अशुभ ग्रह केतु के मूल नक्षत्र में हो रही है जो कि बाधा के अष्टम भाव में बैठा हुआ है, इसके चलते वह पुराने दिग्गज नेताओं और नौकरशाहों से प्रतिरोध और गुप्त षड्यंत्रों से परेशान भी हो सकते हैं।
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