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केंद्र सरकार से जुड़ा बड़ा और कड़ा फैसला लेना हो या मंत्रिपरिषद का निर्माण. प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी किसी को सोचने का मौका नहीं देते. उनके अगले कदम की खबर सिर्फ उन्हें होती है, जिन्हें वो खुद बतलाना चाहते हैं. वरना 30 साल का ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि मोदी को प्रिडिक्ट करना हमेशा चैलेंजिंग जॉब रहा है.
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) फैसले लेने के मामले में गजब का आत्मविश्वास रखते हैं. नोटबंदी हो या कश्मीर से धारा 370 हटाना, किसी से गठबंधन करना हो या किसी को मंत्री बनाना उनके फैसले का अनुमान लगाना लगभग नामुमकिन होता है. पीएम मोदी ने अपने उसी ट्रैक रिकॉर्ड के हिसाब उन्होंने 2014 और 2019 की तरह 2024 में भी अपने मंत्रिमंडल में चौकाने वाले चेहरों को जगह दी. मोदी 3.O कैबिनेट में भी अप्रत्याशित ENTRY और EXIT के साथ एनडीए गठबंधन के सहयोगियों दलों के साथ एक साहसिक समन्वय देखने को मिला.
मोदी कैबिनेट 3.O में जेपी नड्डा (JP Nadda), जॉर्ज कुरियन (George Kurian), रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu), हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri), हर्ष मल्होत्रा (Harsh Malhotra) की एंट्री ने सभी को चौंकाया है. मिसाल के तौर पर जगत प्रकाश नड्डा का शपथ ग्रहण भी हैरान करने वाला फैसला रहा.
हालांकि कुछ सियासी पंडितों ने यह अनुमान लगाया गया था कि इस महीने के अंत में जब बीजेपी अध्यक्ष पद के रूप में उनके एक्सटेंशन की मियाद पूरी होगी उसके बाद उन्हें कोई उपयुक्त पद देकर एडजस्ट किया जाएगा, लेकिन नड्डा को टॉप 5 में जगह देकर मोदी ने सभी को एक झटका और दे दिया.
बीजेपी को लगातार तीसरी बार सातों सीटें देने वाली दिल्ली से भी एक सांसद को पीएम मोदी की टीम में शामिल होने का मौका मिला. यहां से उत्तर-पूर्वी दिल्ली से टिकट बरकरार रखने और जीतने के बाद मनोज तिवारी को मंत्री बनाए जाने की अटकलें थीं. लेकिन उनकी जगह पूर्वी दिल्ली से जीते हर्ष मल्होत्रा को मौका मिला.
पूर्वी दिल्ली से सांसद हर्ष मल्होत्रा को राज्य मंत्री बनाया गया है. दिल्ली की सियासत को दशकों से समझने वाले मल्होत्री राजनीति के मंझे खिलाड़ी है. दिल्ली में तो मल्होत्रा ने ऐसा धोबी पछाड़ लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सबसे मजबूत खिलाड़ी को पूर्वी दिल्ली के लोकसभा चुनाव में चित कर दिया.
दरअसल केजरीवाल ने पूर्वी दिल्ली की सामान्य सीट पर दलित MLA कुलदीप कुमार को टिकट दी. पार्टी ने प्रचार में इस बात को खूब कैश कराने की कोशिश में लगातार इस बात को दोहराया कि पहली बार किसी दल ने सामान्य सीट पर दलित को टिकट दिया है. एक सफाई कर्मचारी के बेटे को संसद भेजने का फैसला किया है.' लेकिन ये कोशिश बेकार गई. मल्होत्रा ने AAP और अरविंद केजरीवाल के चक्रव्यूह को बेधते हुए 93000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की और लाइम लाइट में आ गए.
आजादी के बाद से ही केरल वाम दलों और कांग्रेस का गढ़ रहा है. इसके बावजूद वहां बीजेपी का बेस बनाने का काम कुरियन ने किया. भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के जरिए राजनीति में आने के बाद पिछले चार दशकों से कुरियन केरल बीजेपी में संगठन के नेता रहे हैं. कुरियन केरल के कोट्टयम के रहने वाले हैं. कुरियन फिलहाल लोकसभा और राज्य सभा में कहीं से भी सांसद नहीं हैं. वो बीजेपी की स्थापना के समय से पार्टी का हिस्सा रहे हैं. 1970 के दशक से काम कर रहे कुरियन फिलहाल केरल बीजेपी के महासचिव हैं.
पहली बार केरल में बीजेपी का कमल खिलाने का क्रेडिट विजेता उम्मीदवार के साथ उन्हें भी मिला. त्रिशूर से सुरेश गोपी सांसद बनें और केरल से सुरेश गोपी को भी मंत्री बनाया गया. गोपी की सफलता को ईसाई समुदाय के महत्वपूर्ण समर्थन से मदद मिली और बीजेपी कुरियन के साथ वहां अपना विस्तार करने की उम्मीद कर सकती है.
बिट्टू पंजाब से आते हैं. वो पंजाब के दिवंगत सीएम बेअंत सिंह के पोते हैं. उनके परिवार की कभी पंजाब में तूती बोलती थी. रवनीत सिंह बिट्टू मोदी कैबिनेट में ऐसे दूसरे शख्स हैं जिन्हें दोनों सदनों में से किसी का सदस्य नहीं होने के बावजूद मंत्री बनाया गया है. रवनीत बिट्टू ने लुधियाना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, जहां उन्हें कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा से हार का सामना करना पड़ा था. रवनीत बिट्टू इससे पहले कांग्रेस की टिकट पर तीन बार सांसद रह चुके हैं.
हरदीप सिंह पुरी को भी कैबिनेट में बनाए रखने के फैसले को प्रधानमंत्री की सिख समुदाय तक पहुंच बढ़ाने और सूबे में पार्टी के विस्तार से जोड़ कर देखा जा रहा है.
वैज्ञानिकों की 2170 टीमों ने 1.42 लाख से अधिक गांवों में 1.34 करोड़ से ज्यादा किसानों से किया सीधा संवाद
"तीन अमृत भारत ट्रेनें वर्तमान में चालू हैं और उन्हें जनता से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। आने वाले दिनों में छह और अमृत भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी। इसके अलावा, 50 और ट्रेनों का उत्पादन चल रहा है तथा आगे और अधिक बैच आएंगे।"
स्वच्छ भारत के माध्यम से सम्मान सुनिश्चित करने से लेकर जन धन खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन तक विभिन्न पहलों का ध्यान हमारी नारी शक्ति को सशक्त बनाने पर रहा है: प्रधानमंत्री