भूपेन दा...भारत के रत्न
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भूपेन हजारिका जी की जयंती पर उनके जीवन और संगीत पर गहन विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी रचनाएं लाखों लोगों को प्रेरित करती रही हैं।
आज मंगलवार के दिन वीर बजरंगबली की वंदना उनके भक्त करते हैं। जो लोग परेशान होते हैं वह सीधे हनुमान जी की शरड़ में आने मात्र से सभी कष्टों से मुक्त हो जाते हैं। हनुमान जी जैसा पराक्रम भला है किसी में। यहां तक कि उन्होंने रावण की बोलती भी बंद कर दी थी।
हिंदू धर्म में और वर्तमान कलयुग के समय में हनुमान जी की पूजा सबसे ज्यादा की जाती है। उनकी शरण में आने मात्र से जीवन भर के संकट और दुःख मिट जाते हैं। श्री राम के प्रिय हनुमान उन लोगों की सदैव रक्षा करते हैं जिनकी प्रिति श्री राम और मा सीता में है। इसी के साथ जो लोग धर्मपारायण हैं वीर बजरंगी उनको कभी कोई कष्ट नहीं आने देते हैं।
यह तो हम सभी जानते हैं कि हनुमान जी चिरंजीवि हैं और उनको अमरता का वरदान मिला है। यह किस्सा रामायण काल का है और यह अमर तत्व का वरदान उनको मां सीता से प्राप्त है। बात करें रामायण के उस समय कि जब हनुमान जी पहली बार लंका पहुंचे थे और मां सीता को प्रभु श्री राम का संदेश दिया था। उसके बाद लंका में जब वह रावण के सामने उससे पहली बार मिले तब दोनों के बीच क्या संवाद हुआ और ऐसा क्या हो गया कि हनुमान जी के बोलते ही रावण ने चुप्पी साध ली थी।
हनुमान जी ने दिया रावण को राम भक्त होने का परिचय
दासोऽहं कोसलेन्द्रस्य रामस्याक्लिष्टकर्मणः।
हनुमान्शत्रुसैन्यानां निहन्ता मारुतात्मजः।।
वाल्मिकी रामायण के अनुसार जब रावण ने हनुमान जी को एक साधारण सा वानर समझ कर उनसे पूछा कि आप कौन हैं। तब हनुमान जी ने अपना परिचय गर्वपूर्वक दिया कि मैं कौशल राज्य के राजा प्रभु श्री राम का परम दास हूं और यह बात मुझे बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है। मैं शत्रुओं का अंत करने वाला वायु पुत्र हनुमान हूं।
हनुमान जी की गर्जना सुन रावण भी कांप उठा था
इतना कहने के बाद आगे हनुमान जी ने रावण से कहा कि जब मैं हजारो वृक्षों और कई सारे पत्थरों से प्रहार करूंगा तो उस समय कितने भी रावण आ जाएं परंतु मेरा सामना नहीं कर पाएंगे। गर्जना करते हुए हनुमान जी ने कहां में पल भर में सोने की लंका को समाप्त करने की क्षमता रखता हूं और रावण तुम तो कुछ भी नहीं हो। परंतु विवश हूं, क्योंकि मेरे आराध्या श्री राम ने मुझे अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है वरना मुझे तुमको सबक सिखाने में क्षण भर भी नहीं लगेगा। इतना सुनते ही रावण उस समय घबरा गया था और कुछ देर के लिए एकदम से मौन हो गया था।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भूपेन हजारिका जी की जयंती पर उनके जीवन और संगीत पर गहन विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी रचनाएं लाखों लोगों को प्रेरित करती रही हैं।
पिछले एक दशक में, महिला सशक्तिकरण के प्रति मोदी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता ने सामाजिक कल्याण को नेतृत्व, सम्मान और अवसर के एक गतिशील आधार में बदल दिया है, जिससे लैंगिक समानता की दिशा में एक गंभीर बदलाव आया है। स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और राजनीतिक प्रतिनिधित्व से जुड़ी लक्षित योजनाओं के माध्यम से, विविध पृष्ठभूमियों की लाखों महिलाएं न केवल आवश्यक संसाधनों तक पहुँच प्राप्त कर रही हैं .
छायाकार नितिन पोपट को जबलपुर की एक पहचान व ब्रांड भी कहा जा सकता है। जब भी जबलपुर में राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, कला क्षेत्र की कोई विभूति जबलपुर आती थी तब उसकी मुलाकात नितिन पोपट से अवश्य होती थी। यदि विभूति का पहली बार जबलपुर आगमन होता था, तो दूसरी बार जबलपुर आने पर उनकी निगाह नितिन पोपट को ज़रूर दूंढ़ती थी।