पेट की अच्छी सेहत के लिए ये खाएं और इन चीज़ों से करें परहेज़
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा होता है कि पेट में एक अजीब सा दबाव और भारीपन बना हुआ महसूस होता है, शरीर में थकान लगती है और बिना किसी वजह के, बस ठीक नहीं लगता?
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हर साल 13 अगस्त को विश्व अंग दान दिवस पर अंग दाताओं के परिजनों को सम्मानित भी करते हैं. 2020 में उन्होंने सूरज पुरस्कार की शुरुआत भी की थी.
अंगदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने को ओडिशा सरकार ने बड़ी घोषणा की है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने गुरुवार (16 फरवरी) को घोषणा की कि अंगदान करने वालों का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. यही नहीं, राज्य सरकार अंगदान करने वालों के परिजनों को मुख्यमंत्री कोष से 5 लाख रुपये भी देगी.
यहां पूर्ण राजकीय सम्मान का मतलब है कि अंतिम संस्कार की सभी व्यवस्थाएं राज्य सरकार की ओर से की जाएंगी, जिसमें शरीर को तिरंगे में लपेटना और 21 तोपों की सलामी देना भी शामिल है. ओडिशा इस तरह की घोषणा करने वाला पहला राज्य बन गया है.
सीएम ने बताया, सम्मान के पीछे का मकसद
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का कहना है कि, “अंगदान एक नेक कार्य है. ब्रेन डेड लोगों के परिजन जो अपने मरीज के अंगों को दान करने का साहसी निर्णय लेते हैं, वे कई मानव जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. राज्य सरकार की इस पहल का मकसद अन्य लोगों की जान बचाने के लिए दानदाताओं के साहस और बलिदान का सम्मान करना है.” सीएम पटनायक ने आगे कहा कि, "इसके अलावा यह ऐलान समाज में अंग दान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करेगा और अधिक से अधिक लोगों को इस संबंध में आगे आने के लिए प्रेरित करेगा."
2020 में शुरू किया था सूरज पुरस्कार
अंग दान की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए ओडिशा सरकार ने 2019 में 'राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन' की स्थापना की थी और 2020 में अंग दाताओं के लिए सूरज पुरस्कार की शुरुआत की थी. यह पुरस्कार गंजम जिले के सूरज नेहरा के नाम पर शुरू किया गया था, जिनके दिल, किडनी और आंखों ने छह अन्य लोगों को जीवन दिया था. नेहरा की सूरत में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हर साल 13 अगस्त को विश्व अंग दान दिवस पर अंग दाताओं के परिजनों को सम्मानित भी करते हैं.
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा होता है कि पेट में एक अजीब सा दबाव और भारीपन बना हुआ महसूस होता है, शरीर में थकान लगती है और बिना किसी वजह के, बस ठीक नहीं लगता?
हैदराबाद में भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ब्लड टेस्ट लॉन्च किया गया है, जिसमें खून निकालने के लिए न तो सुई की जरूरत है और न ही बोतल की।
अम्लीय रक्त (blood) दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है ,तभी heart attack होता है इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं