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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की PRAGATI (Pro-Active Governance and Timely Implementation) प्लेटफॉर्म की जमकर तारीफ की है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सैद बिजनेस स्कूल और बिल गेट्स फाउंडेशन ने इस केस स्टडी पर मिलकर काम किया है।
नईदिल्ली। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की PRAGATI (Pro-Active Governance and Timely Implementation) प्लेटफॉर्म की जमकर तारीफ की है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सैद बिजनेस स्कूल और बिल गेट्स फाउंडेशन ने इस केस स्टडी पर मिलकर काम किया है। इस नई स्टडी में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रगति ने कैसे डिजिटल गर्वनेंस को बढ़ावा दिया और सरकारी प्रोजेक्ट्स की रफ्तार को बढ़ाने के साथ समाधान में क्रांति ला दी है।
यूनिवर्सिटी ने 7 चैप्टर्स में बंटे 54 पेजों की रिपोर्ट में साफ कहा है कि प्रगति ने भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और सामाजिक क्षेत्र के बड़े प्रोजेक्ट्स के प्रबंधन के तरीके को बदल कर रख दिया है। प्रगति के कारण भारत में करीब 17.37 लाख करोड़ रुपये के 340 से ज्यादा परियोजनाओं को रफ्तार मिली है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपने अध्ययन में प्रगति को उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए आदर्श बताते हुए कहा है कि शासन में बदलाव के लिए दुनियाभर को इससे सीख लेनी चाहिए। यूनिवर्सिटी ने साफ कहा है कि पीएम मोदी का यह मॉडल दुनिया के लिए विकास का रोडमैप है। यह भारत में प्रशासन को आधुनिक बनाने में मदद देने के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है।
‘फ्रॉम ग्रिडलॉक टू ग्रोथ: हाउ लीडरशिप इनेबल्स इंडियाज प्रगति इकोसिस्टम टू पावर प्रोग्रेस’ (From Gridlock to Growth: How Leadership Enables India’s PRAGATI Ecosystem to Power Progress) शीर्षक से आई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्लेटफॉर्म नौकरशाही जड़ता को दूर करने और टीम इंडिया की मानसिकता, जवाबदेही और दक्षता की संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ ड्रोन फीड, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और रियल-टाइम डेटा का उपयोग कर समस्याओं का समाधान किया जाता है। इसने परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद की है। भारत ने सड़क, रेलवे, पानी और बिजली जैसे जरूरी क्षेत्रों में परियोजनाओं को तेजी से पूरा करके इस प्लेटफॉर्म ने लाखों भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।
7 चैप्टर्स में विभाजित 54 पेजों की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि कैसे पीएम मोदी और उनकी टीम शासन और प्रशासन (खासकर बड़ी परियोजनाओं से संबंधित) में सुधार के लिए एक सिस्टम लेकर आए. रिपोर्ट में प्रगति प्लेटफॉर्म के व्यापक आर्थिक प्रभाव पर भी जोर दिया गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी की स्टडी का अनुमान है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये से 2.5 से 3.5 रुपये का जीडीपी रिटर्न मिलता है. इस प्लेटफॉर्म ने प्रोजेक्ट्स में तेजी लाकर लागत बढ़ोतरी को कम किया है और यह सुनिश्चित किया है कि आर्थिक लाभ जल्द प्राप्त हों.
सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डों के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी ने लाखों लोगों के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच का विस्तार किया है.
स्टडी में देश भर में कुल 340 प्रगति इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से आठ में गहनता से विकास की जांच की गई है. इसमें चार रेल परियोजनाएं शामिल हैं :-
असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील रेल और सड़क पुल.
जम्मू और कश्मीर में जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक.
कर्नाटक में बेंगलुरु मेट्रो रेल परियोजना.
ओडिशा में पारादीप बंदरगाह के लिए हरिदासपुर-पारादीप रेल कनेक्शन.
दो सड़क परियोजनाएं :-
महाराष्ट्र और गुजरात में राष्ट्रीय राजमार्ग 8 का दहिसर-सूरत खंड.
राष्ट्रीय राजमार्ग 2 का वाराणसी-औरंगाबाद खंड जो यूपी को बिहार से जोड़ता है.
इसके अलावा इन आठ प्रोजेक्ट्स में झारखंड का उत्तरी करणपुरा थर्मल पावर प्लांट और महाराष्ट्र में नवी मुंबई हवाई अड्डा शामिल हैं.
यह आठ प्रोजेक्ट्स भारत के विशाल भूभाग पर प्रगति के प्रभाव की व्यापकता और गहराई को दर्शाते हैं. प्रोजेक्ट्स उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तक एक व्यापक भौगोलिक क्षेत्र को कवर करते हैं, जिसमें सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सिस्टम की एक बडी सीरिज शामिल है.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रगति प्लेटफॉर्म की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रौद्योगिकी और शासन का एक अद्भुत संयोजन है। यह सुनिश्चित करती है कि बाधाएं दूर हों और परियोजनाएं समय पर पूरी हों। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ऑक्सफोर्ड सैद बिजनेस स्कूल और गेट्स फाउंडेशन द्वारा किए गए अध्ययन में प्रगति के प्रदर्शन को मान्यता दी गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा कि ‘प्रगति प्रौद्योगिकी और शासन के एक अद्भुत संयोजन का प्रतिनिधित्व करती है। यह सुनिश्चित करती है कि बाधाएं दूर हों और परियोजनाएं समय पर पूरी हों। पिछले कुछ वर्षों में, इन सत्रों से ठोस लाभ हुए हैं, जिससे लोगों को बहुत लाभ हुआ है।’
वैज्ञानिकों की 2170 टीमों ने 1.42 लाख से अधिक गांवों में 1.34 करोड़ से ज्यादा किसानों से किया सीधा संवाद
"तीन अमृत भारत ट्रेनें वर्तमान में चालू हैं और उन्हें जनता से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। आने वाले दिनों में छह और अमृत भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी। इसके अलावा, 50 और ट्रेनों का उत्पादन चल रहा है तथा आगे और अधिक बैच आएंगे।"
स्वच्छ भारत के माध्यम से सम्मान सुनिश्चित करने से लेकर जन धन खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन तक विभिन्न पहलों का ध्यान हमारी नारी शक्ति को सशक्त बनाने पर रहा है: प्रधानमंत्री