मोदी जी तुस्सी ग्रेट हो : 3 स्ट्राइक, तीनों बार पाकिस्तान को चटाई धूल
पाकिस्तान ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला ले लिया है और आतंकवादियों के 9 ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।
भारत की तीन साहित्यिक कृतियों को यूनेस्को के ‘मैमोरी ऑफ़ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफ़िक रीजनल रजिस्टर’ में जगह मिली है. भारत की ‘रामचरित मानस, पंचतंत्र और सहृद्यलोक-लोकन’ को इस विशेष रजिस्टर में अंकित किया गया है.
रामचरितमानस, पंचतंत्र, और सहृदयलोक-लोकन को 2024 के ‘मैमोरी ऑफ़ द वर्ल्ड कमेटी फ़ॉर एशिया एंड द पैसिफ़िक (MOWCAP)’ क्षेत्रीय रजिस्टर में दर्ज करने की यह घोषणा, मंगोलिया के उलानबटार में 7 से 8 मई, 2024 तक आयोजित MOWCAP की 10वीं आम बैठक के दौरान की गई थी.
इस बैठक की मेज़बानी मंगोलिया के संस्कृति मंत्रालय, यूनेस्को के लिए मंगोलियाई राष्ट्रीय आयोग और बैंकॉक में यूनेस्को क्षेत्रीय कार्यालय ने की.
यह पहली बार है कि एक ही चक्र में भारत के तीन नामांकनों को एक-साथ स्वीकार कर लिया गया है.
'रामचरितमानस' (शाब्दिक अर्थ: राम के जीवन व कर्मों की झलक), गोस्वामी तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में अवधी भाषा में लिखी थी और इसे भारतीय साहित्य और हिन्दू धर्म की सर्वोतत्म कृतियों में से एक माना जाता है.
वहीं पंडित विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पंचतंत्र काव्य, पशुओं की दन्तकथाओं का संकलन है.
'सहृदयलोक-लोकन' की पाण्डुलिपि.
9वीं और 10वीं शताब्दी ई.पू. की कृति 'सहृदयलोक-लोकन', संस्कृत भाषा में है, और इसमें काव्य, नाट्यशास्त्र और नाट्य अंतर्दृष्टि से सम्बन्धित पाठ और चर्चाएँ शामिल हैं. इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (IGNCA) ने 10वीं बैठक में यह उपलब्धि हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के कला निधि प्रभाग के प्रमुख रमेश चन्द्र गौड़ ने कहा, "रामचरितमानस और रामायण ग्रन्थ ना केवल भारत में, बल्कि थाईलैंड, कम्बोडिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका जैसे अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भी पढ़े जाते हैं."
यूनेस्को दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक और भूटान, भारत, मालदीव और श्रीलंका के लिए यूनेस्को के प्रतिनिधि टिम कर्टिस ने कहा: “यूनेस्को MOWCAP रजिस्टर में इन तीन साहित्यिक उत्कृष्ट कृतियों के दर्ज होने पर भारत को बधाई देता है."
"यह मानवता को आकार देने वाली विविध और कलात्मक अभिव्यक्तियों की पहचान करके, उन्हें संरक्षित करने हेतु एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. ये साहित्यिक धरोहर, आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध और प्रेरित करने में सहायक होगू.''
1992 से, यूनेस्को का ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड (MoW) कार्यक्रम, सामूहिक स्मृति की अपूरणीय क्षति से बचने हेतु, दुनियाभर की लिखित विरासत तक पहुँच बनाने, व इन महत्वपूर्ण कार्यों को संरक्षित करने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रयास कर रहा है.
रामचरितमानस की पाण्डुलिपि का चित्र.
UNESCO India
एशिया-प्रशान्त के लिए MOWCAP क्षेत्रीय रजिस्टर में सफलतापूर्वक अंकित 20 वस्तुओं की सूची:
ऑस्ट्रेलिया और तुवालु - फ़नाफ़ुटी: द एजवर्थ डेविड 1897 अभियान दस्तावेज़
बांग्लादेश - रोकैय्या एस हुसैन द्वारा सुल्ताना का सपना
चीन - चेंग्दू पारम्परिक चायघरों से सम्बन्धित पुरालेख
चीन - हुइझोऊ वंशावली पुरालेख
चीन - डेर्गे प्रिंटिंग हाउस में रखे गए प्रिंटिंग ब्लॉक
भारत - तुलसीदास के रामचरितमानस की सचित्र पाण्डुलिपियाँ
भारत - सहृदयलोक-लोकन की पाण्डुलिपि: भारतीय काव्यशास्त्र का मौलिक पाठ
भारत - पंचतंत्र दन्तकथाओं की 15वीं शताब्दी की पाण्डुलिपि
इंडोनेशिया - इंदारुंग, दक्षिण पूर्व एशिया का पहला सीमेंट प्लांट (1910-1972)
इंडोनेशिया - इंडोनेशियाई चीनी अनुसंधान संस्थान के अभिलेखागार 1887-1986: विश्व चीनी उद्योग में ISRI की अनुसन्धान गतिविधियों की भूमिका
इंडोनेशिया - टैम्बो तुआंकु इमाम बोनजोल पाण्डुलिपि
मलेशिया - अल-तारिख़ सलासिलाह नेगेरी केदाह: केदाह राज्य का वंशावली इतिहास
मलेशिया - बगिंडा उमर का शाही पत्राचार (सूरत पर्सेंडिरियन बगिंडा उमर)
मंगोलिया - चंगेज़ ख़ान के घर, खलख़ा मंगोलों के वंशानुगत राजाओं का पारिवारिक चार्ट
मंगोलिया - मंगोलिया का पहला डाक टिकट 'एल्डेव ओचिर'
फिलीपींस - डॉक्ट्रिना क्रिस्टियाना एन लेंगुआ एस्पानोला वाई टैगाला (स्पेनिश और तागालोग में ईसाई सिद्धान्त), मनीला, 1593
फिलीपींस - हिनिलावोड महाकाव्य मंत्र रिकॉर्डिंग
उज़्बेकिस्तान - ख़ुदाईबर्गन देवानोव द्वारा खोरेज़म ओएसिस की छवियाँ (1879-1937)
उज़्बेकिस्तान - तुर्किस्तान एल्बम 1871-1872
वियतनाम - हू इम्पीरियल पैलेस में नौ कांस्य कलशों पर नक़्क़ाशी
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"आप असफल हो सकते हैं. लेकिन अगर आप कोशिश नहीं करेंगे, तो आप कभी नहीं जान पाएंगे कि आप क्या कर सकते हैं.”- एलन मस्क
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